![Khule Aam Bolne Se Kya Darna [HINDI EDITION]](http://bestofusedbooks.com/cdn/shop/files/xddf_{width}x.jpg?v=1737011101)
"स्टीव्ह ने खुले आम बोलने के डर पर विजय पाने की व्यावहारिक प्रक्रिया का क्रमशः बयान किया है। सबसे दद से से आत्मविश्वासी और डरपोक वक्ता भी इसकी मदद निष्णात बन सकते हैं।"
डोना एच. ग्रॉह, कार्यकारी प्रबंधक टोस्टमास्टर्स इंटरनॅशनल
सर्वेक्षण में पाया गया है कि सिर्फ अमरिका में १००,०००,००० लोग खुले आम बोलने के डर को #१ डर मानते हैं। दर असल, बहुत लोगों को यह डर मृत्यु के डर से भी अधिक भयंकर लगता है!
"खुले आम बोलने से क्या डरना ! " यह पुस्तक इस प्रकार का पहला पुस्तक है। खुले आम बोलने के विचार से जो लोग य और चिंता से व्याकुल होते हैं उनके लिए इस पुस्तक में मौलिक मदद उपलब्ध है।
स्टीव्ह ओझर, जो खुद इस खतरनाक डर से गुजरे हैं, सबकुछ प्रदर्शित करते हैं इस डर की जड़े, लक्षण, परिणाम और इस पर विजय पाने की क्रमशः योजना ! उनकी शैली प्रभावशाली, प्रोत्साहक और प्रेरक है। कई बार हास्यकर भी है। खुले आम बोलने के डर को हटाकर आपका अंतः सामर्थ्य किस प्रकार बंधनमुक्त हो सकता है और आप जो चाहते हैं उसे किस प्रकार पा सकते हैं इसका बेहतरीन मार्गदर्शन स्टीव्ह ने किया है।
इस पुस्तक को पढ़िए और इस में दी हुई सूचनाओं का और तकनीकों का इस्तेमाल कीजिए। आपका व्यावसायिक तथा व्यक्तिगत जीवन पूर्णतया परिवर्तित हो जाएगा। आपके रिश्तों में नई जान आ जाएगी। आपके दूसरे डर हटाने का आत्मविश्वास और सकारात्मक रवैया भी विकसित हो जाएगा।
आपकी सफलता की रफ्तार तेज करने की कुँजी आपको इस पुस्तक में मिलेगी।