पाकिस्तान अपने शायरों और उनकी शायरी पर ठीक ही गर्व करता है। उर्दू उनकी मादरी ज़ुबान है और शायद इसीलिए पाकिस्तान की शायरी और ग़ज़लें अपनी अलग पहचान और खुशबू लिए हैं। यह कहना भी ग़लत नहीं होगा कि पाकिस्तान की शायरी जितनी वहां मकबूल है उतनी ही भारतवर्ष में भी लोकप्रिय है। आज फ़ैज़, अहमद फ़राज़, नदीम कासमी, कतील शिफाई की ग़ज़लें-प्रमियों की ज़ुबान पर हैं। हमारे प्रसि़द्ध गायकों ने भी उन्हें गाया है और फ़िल्मों में इनका उपयोग किया गया है।
इस पुस्तक में ग़ज़लों के साथ प्रसिद्ध शायरों का जीवन-परिचय भी दिया गया है। इन ग़ज़लों में आने वाले उर्दू के कठिन शब्दों के अर्थ भी साथ ही दे दिये हैं ताकि पाठक इनका पूरा आनन्द ले सकें।
इस पुस्तक में ग़ज़लों के साथ प्रसिद्ध शायरों का जीवन-परिचय भी दिया गया है। इन ग़ज़लों में आने वाले उर्दू के कठिन शब्दों के अर्थ भी साथ ही दे दिये हैं ताकि पाठक इनका पूरा आनन्द ले सकें।