![Khidakiyaan kholo [hindi edition]](http://bestofusedbooks.com/cdn/shop/files/ese_{width}x.jpg?v=1735378875)
दिन रात खबरों की दुनिया में रहते हुए कविता लिखना अचंभे से कम नहीं लेकिन ओमप्रकाश तिवारी दोनों विधाओं के बीच चप्पू ऐसे चलाते हैं मानो पठनीयता की रसधार में विहार का आनंद करा रहे हैं। तिवारी जी के लेखन में जहां धीर गंभीरता झलकती है वहीं व्यंग्योक्तियां नश्तर सी चुभती हैं।